रायपुर

Pm Awas Yojana in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवासों की मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी अहम जानकारी.

Pm Awas Yojana in Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री....

रायपुर, pm awas yojana in chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में प्रेसवार्ता में बताया कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे लाखों गरीब परिवारों को अपने सिर पर छत का सपना साकार करने में मदद मिलेगी.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्राप्त हुई है। उन्होंने इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे लाखों गरीब परिवारों को अपने सिर पर छत का सपना साकार करने में मदद मिलेगी.

Pm Awas Yojana in Chhattisgarh: मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि नए वित्तीय वर्ष के बजट में

छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति भारत सरकार से मिली है, जिसमें एसईसीसी 2011 के अंतर्गत 6 लाख 99 हजार 331 आवास और 1 लाख 47 हजार 600 आवास प्लस शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि “मैं छत्तीसगढ़ के 3 करोड़ जनता और विशेषकर प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित होने वाले सभी लोगों की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव उपस्थित रहे।

आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी PM आवास योजना के तहत आवासों की मांग

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निय्यद नेल्लानार योजना “आपका अच्छा गांव” के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10,000 से अधिक अतिरिक्त आवासों की स्वीकृति के लिए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की गई है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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